Adani Power Share एक लेटर से बने रॉकेट, पैसा कमाने के लिए टूट पड़े निवेशक; ग्रुप को ₹46 हजार करोड़ का फायदा!

Adani Group SEBI Clean Chit
नई दिल्ली: Adani Group SEBI Clean Chit: करीब 33 महीने से चल रहे गौतम अडानी समूह और अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग के बीच विवाद का अंत हो गया है. शेयर बाजार के नियामक सेबी ने हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच पूरी करने के बाद अडानी समूह को पूरी तरह क्लीन चिट दे दी है. इस फैसले के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली.
अडानी समूह का शेयर बाजार प्रदर्शन
सेबी की राहत के बाद शुक्रवार को अडानी समूह के संयुक्त बाजार पूंजीकरण में 46,000 करोड़ रुपये से अधिक का इजाफा हुआ और यह 13.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. सूचीबद्ध कंपनियों में उत्साह साफ दिखाई दे रहा था.
अडानी टोटल गैस: 9% से अधिक की बढ़त
- अडानी पावर: 7% उछाल
- अडानी एंटरप्राइजेज: 4% की बढ़त
- अडानी ग्रीन, अडानी एनर्जी, अडानी पोर्ट्स: 2-3% की बढ़त
विशेषज्ञों का कहना है कि सेबी की क्लीन चिट ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया, जिससे शेयरों में तेज खरीदारी हुई.
सेबी का निर्णय
सेबी ने दो प्रमुख मामलों में अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों को तथ्यहीन करार दिया. पहला मामला माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स प्राइवेट लिमिटेड और रेहवर इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के साथ समूह के लेन-देन से जुड़ा था. दूसरा मामला एडीकॉर्प इंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ लेन-देन से संबंधित था.
सेबी ने कहा कि ये ट्रांजैक्शन समूह के भीतर कंपनियों के बीच के सामान्य लेन-देन की श्रेणी में नहीं आते. इसके अलावा, इन सौदों में कंपनियों की शेयर सूचीबद्धता और सार्वजनिक सूचना संबंधी नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ.
गौतम अडानी का बयान
अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सेबी की विस्तृत जांच ने पुष्टि की कि हिंडनबर्ग के दावे आधारहीन हैं. उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और ईमानदारी हमेशा अडानी समूह के गुण रहे हैं. उन्होंने उन निवेशकों के प्रति सहानुभूति जताई जिन्होंने झूठी रिपोर्ट के कारण नुकसान उठाया. अडानी ने जोर देकर कहा कि जो लोग झूठी बातें फैलाते हैं, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए.
जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की थी. इसके चलते समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई और गौतम अडानी की व्यक्तिगत दौलत भी घट गई. हालांकि, समूह ने आरोपों का लगातार खंडन किया और उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने भी कहा कि अडानी के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई गड़बड़ी का सबूत नहीं है.